विश्व के टॉप 5 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में 12 क्रिकेट खेलने वाले देश पूर्ण सदस्य (Full Members) और 94 देशों को संबद्ध सदस्य (Associate Members) हैं। अफगानिस्तान और आयरलैंड को 2017 में आईसीसी का पूर्ण सदस्य बने और उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिला। कई देश काफी सालों से सभी फॉर्मेट खेल रहे हैं लेकिन उनका क्रिकेट बोर्ड बहुत ही गरीब है। यहां पर हम आपको विश्व के टॉप 5 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं।

विश्व के टॉप 5 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड

नीचे हम आपको विश्व के टॉप 5 सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड की जानकारी देने जा रहे हैं। लेकिन इस लिस्ट में अफगानिस्तान और आयरलैंड क्रिकेट बोर्ड को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि इनसे संबंधित रिपोर्ट्स अब तक उजागर नहीं हुए हैं।

5. क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA):

1991 में South African Cricket Union और South African Cricket Board को मिलाकर United Cricket Board of South Africa (UCB) बनाया गया था। इसके बाद 2002 में क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) की स्थापना हुई, जो UCB की तरह काम करती थी। लेकिन 2008 में CSA और UCB दोनों एक साथ मिल गईं और CSA दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट के लिए इकलौती गवर्निंग बॉडी बन गई। 

साउथ अफ्रीका 1909 में आईसीसी का पूर्ण सदस्य बना था। 1970 में रंगभेद के मामले में इस पर आईसीसी ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। 1991 में उन पर से बैन हटा और इसी साल दक्षिण अफ्रीका ने अपना पहला वनडे मैच खेला। क्रिकेट साउथ अफ्रीका का पिछले 5 सालों में औसत वार्षिक राजस्व $66.24 मिलियन रहा।

4. न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC):

न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) 1926 में आईसीसी का पूर्ण सदस्य बना। पिछले 5 सालों में इस बोर्ड का औसत वार्षिक राजस्व (Annual Average Revenue) $36.90 मिलियन रहा। न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप 2011 वर्ल्ड कप 2019 और T20 वर्ल्ड कप 2021 की उपविजेता रही है, जबकि 2021 में इन्होंने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

न्यूजीलैंड क्रिकेट ने कई अच्छे-अच्छे खिलाड़ी निर्मित किए हैं। भले ही इस टीम ने अभी तक कोई भी वर्ल्ड कप या T20 वर्ल्ड कप नहीं जीता है, लेकिन यह सभी टूर्नामेंट में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं और बड़ी-बड़ी टीमों को टक्कर देते हैं।

3. क्रिकेट वेस्ट इंडीज (CWI): 

क्रिकेट वेस्ट इंडीज को पहले क्रिकेट वेस्ट इंडीज बोर्ड (CWIB) के नाम से जाना जाता था। यह कैरिबियाई देशों में क्रिकेट की गवर्निंग बॉडी है, जो 1920 में स्थापित हुआ और 1926 में आईसीसी का पूर्ण सदस्य बना था। पिछले 5 सालों में इस बोर्ड का औसत वार्षिक राजस्व (Annual Average Revenue) $19.29 मिलियन रहा।

1975 से लेकर 2016 तक वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना सिक्का जमाए रखा है, लेकिन पैसों को लेकर विवाद के चलते उनके खिलाड़ियों ने दुनिया भर के T20 लीग में खेलना शुरू कर दिया और अब यह टीम शायद सबसे खराब फॉर्म से जूझ रही है।

2. श्रीलंका क्रिकेट (SLC):

श्रीलंका क्रिकेट की स्थापना 1975 में हुई थी, जो जुलाई 1981 में आईसीसी की पूर्ण सदस्य बना। इसे 2003 तक Cricket for Sri Lanka के नाम से जाना जाता था। पिछले 5 सालों में श्रीलंका क्रिकेट (SLC) का औसत वार्षिक राजस्व (Annual Average Revenue) $17.20 मिलियन रहा।

एक समय श्रीलंका क्रिकेट टीम विश्व के किसी भी दूसरे टीम को हराने का माद्दा रखती थी लेकिन आज के समय में इसकी स्थिति काफी बेकार हो गई है। कुछ ही अंतराल में कई अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों का संन्यास लेना, बोर्ड के पास पैसों की कमी और सैलरी की समस्या के चलते इस टीम की स्थिति बदतर होती जा रही है।

1. जिंबाब्वे क्रिकेट (ZC):

जिंबाब्वे क्रिकेट (ZC) की स्थापना 1992 में हुई थी, जो इसी साल आईसीसी का पूर्ण सदस्य भी बनी। इस बोर्ड को 2004 तक जिंबाब्वे क्रिकेट यूनियन (ZCU) के नाम से जाना जाता था। पिछले 5 सालों में इस क्रिकेट बोर्ड का औसत वार्षिक राजस्व (Annual Average Revenue) $15.26 मिलियन रहा।

जिंबाब्वे की राष्ट्रीय टीम ने पहली बार 1983 में वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था और उन्होंने अपने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सबको हैरान कर दिया था। हालांकि इसके बाद से जिंबाब्वे क्रिकेट टीम का प्रदर्शन कभी भी कुछ खास नहीं रहा।

संबद्ध सदस्य देशों (Associate Members Nations) में विश्व के सबसे गरीब क्रिकेट बोर्ड (पिछले 5 वर्षों के औसत वार्षिक राजस्व के अनुसार):

पापुआ न्यू गिनी – $230,000

नामीबिया – $266,000

सिंगापुर – $446,000

नेपाल – $2.10 मिलियन

हांगकांग – $3.755 मिलियन

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